लेखनी कहानी -14-Nov-2022# यादों के झरोखों से # मेरी यादों की सखी डायरी के साथ
हैलो सखी।
कैसी हो। कल मुलाकात नही हो पायी।सासू मां की तबीयत खराब है ।इस लिए सारा दिन और रात अस्पताल मे ही लग गया। अब उम्र भी हो रही है उनकी और दोनों फेफड़ों मे इंफेक्शन है। देखे कब तक ठीक होगी।
वैसे मैं भी कितनी बुद्धु हूं मेरी सखी से मै इतने दिनों बात करती रही अपना परिचय दिये बग़ैर ।
कोई नही देर आये दुरुस्त आये। हां तो सखी मेरा परिचय सुनो।..... मैं मोनिका गर्ग ।निवास स्थान फरीदाबाद , हिन्दी साहित्य मे स्नातकोत्तर वैसे हिंदी आनर्स मे ही बीए किया है ।साथ ही कमर्शियल आर्ट भी एक सब्जेक्ट था पर चित्रकला का शौक बचपन से था बहुत अच्छे स्केच बनाए कालेज टाइम मे कुछ तो कालेज आर्ट गैलरी में प्रथम भी आये खासकर सटील लाइफ पेंटिंग।ऐसे ही बहुत छोटी उम्र से कहानियां भी लिख रही हूं पर सब डायरी में बंद थी। मैनें दस साल की उम्र में अपनी पहली कहानी लिखी थी।ये तो भला हो प्रतिलिपि, शब्द.इन और लेखिनी का जिनके कारण मेरी धूल मे पड़ हुई रचनाओं को लोगों ने पढा। सखी कभी मैंने साहित्य को क्लिष्ट करके नही लिखा।जो मन मे भावनाओं का तूफान आता है उसे कागज मे उतार देती हूं मेरे बहुत से साथी लेखक कहते है आप की रचनाओं में भावनाएं तो है पर रचना सौंदर्य नही है। मुझे नही लाना रचना सौंदर्य।ऐसा ना हो मै रचना सौंदर्य लाती लाती जो मै कहना चाहती हूं उसी से भटक जाऊं। मेरे दो बेटे है पति जी आनलाइन बिजनेस करते है और मेरी भी एक कपड़ा शोप है।कयी बार बहुत बिजी हो जाती हूं।रचना लिखने का मन करता है पर समय अभाव के कारण नही लिख पाती।और बाते कल करेंगे। अच्छा सखी अलविदा।
Khan
29-Nov-2022 05:35 PM
बहुत सुन्दर रचना 🌺👌
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अदिति झा
20-Nov-2022 06:16 PM
शानदार
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Rajeev kumar jha
20-Nov-2022 09:45 AM
Nice 👍🏼
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